Class 2 Best Short Moral Stories In Hindi In 2022

Class 2 Best Short Moral Stories In Hindi In 2022

हेलो दोस्तों मै हूँ केशव आदर्श और आपका हमारे वेबसाइट मोरल स्टोरीज इन हिंदी (Moral Stories in Hindi) में स्वागत है आज जो मै आपको कहानी सुनाने जा रहा हु |

उसका नाम है Class 2 Best Short Moral Stories In Hindi In 2022 यह एक Moral Stories For Kids और Motivational Story In Hindi और Class 2 Best Short Moral Stories In Hindi In 2022 की कहानी है और कश्मीर की सैर – Top Moral Stories For class 10 – इस कहानी में बहुत ही मजा आने वाला है और आपको बहुत बढ़िया सिख भी मिलेगी | मै आशा करता हु की आपको ये कहानी बहुत अच्छी तथा सिख देगी | इसलिए आप इस कहानी को पूरा पढ़िए और तभी आपको सिख मिलेगी | तो चलिए कहानी शुरू करते है

1. दयालु व्यापारी

Class 2 Best Short Moral Stories – एक व्यापारी के तीन बेटे थे। वे चतुर भी थे और स्वस्थ भी। व्यापारी बहुत समझदार, सज्जन तथा दयालु था। रात का समय था । लगभग बारह बजे थे। चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था। अचानक दस-बारह हथियारबंद डाकुओं ने व्यापारी के घर पर हमला किया। डाकू गोलियाँ चलाते हुए दरवाजे को खुलवाने की कोशिश करने लगे।

उन्होंने व्यापारी को पुकारकर कहा, “दरवाजा खोल दो। नहीं तो, दीवारों के द्वारा घर में घुसकर एक-एक को गोली से उड़ा देंगे।

” व्यापारी के लड़कों ने अपनी-अपनी बंदूकें निकाल लीं। वे डाकुओं का मुकाबला करने के लिए तैयार हो गए। पर व्यापारी ने अपने लड़कों को रोक दिया, उसने कहा, “तुम सब एक कमरे में छिप जाओ।

मैं अकेला ही डाकुओं से निपट लूँगा। ” तीनों बेटे और परिवार के दूसरे सभी लोग एक कमरे में छिपकर बैठ गए। व्यापारी ने दरवाजा खोल दिया। डाकू जब भीतर घुसे, तो व्यापारी ने लड़की की कोमल वाणी में डाकुओं के सरदार से कहा, “देखिए, मैं और आप सब लोग मनुष्य हैं। मेरे पास धन है, अवश्य आप लोगों को धन की जरूरत होगी।

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Class 2 Best Short Moral Stories – इसीलिए आप लोग यह बुरा काम करने के लिए आए हैं। बोलिए, आपको कितना धन चाहिए ? अगर न बता सकें तो यह कुंजी लीजिए। मेरे साथ तिजोरी के पास चलिए।

तिजोरी खोलकर चाहे जितना धन निकाल लीजिए। आप सब मेरे लड़के हैं। मैं राम की शपथ खाकर कहता “न शोर मचाऊँगा और न सहायता के लिए किसी को पुकारूँगा।” व्यापारी ने अपनी बात खत्म करते हुए कुंजी डाकुओं के सरदार के पास फेंक दी।

सरदार ने आश्चर्य भरी दृष्टि से व्यापारी की ओर देखा और फिर तिजोरी की कुंजी व्यापारी बोल उठा – “आओ मेरे साथ।” व्यापारी आगे की और चल पड़ा। उसके ली।

पीछे-पीछे डाकू भी चलने लगे।

व्यापारी तिजोरी के पास जाकर खड़ा हो गया और सरदार से बोला- “इसे खोलो!

जो तुम चाहते हो, इसमें मिलेगा। नोट और जेवर चाहते हो न ! इसमें रखे हैं।” सरदार ने चाबी लगाकर तिजोरी खोल ली। तिजोरी वास्तव में ही नोट और जेवरों से भरी थी।

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Class 2 Best Short Moral Stories – व्यापारी ने कहा – “मैंने ठीक कहा था न कि इसमें पैसा रखा है। तुम भी मेरे बेटों के समान हो। तुम्हें इसकी आवश्यकता है। तुम भी नाती-पोतों वाले होंगे। यदि यह तुम्हारे काम आता है तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है।” डाकुओं का सरदार कभी धन की ओर देखता था, कभी व्यापारी की ओर।

व्यापारी ने कहा- “मेरे बेटो! देरी न करो। यदि कहीं कोई आ गया तो ठीक नहीं रहेगा।” सरदार के सभी साथी पैसा बटोरने लगे। उसी समय सरदार ने उन्हें रोक दिया और कहा – ” जिसने हमें बेटा कह दिया है, उसके साथ हम यह काम नहीं कर सकते। पुत्रों के साथ पिता ने जो व्यवहार किया है, हम उसे गिरने नहीं देंगे। पुत्रों का भी कोई कर्त्तव्य है। इन्होंने हमें बेटा कहा है तो यह भी हमारे पिता ही हैं। “

यह कहकर डाकुओं के सरदार ने व्यापारी को प्रणाम किया और साथियों के साथ चला गया। यह वाणी और भाषा का ही प्रभाव था जिसने डाकुओं का दिल बदल दिया।

शिक्षा-

इस अध्याय से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें सदैव मधुर वाणी बोलनी चाहिए। मधुर वाणी के बल पर कठोर से कठोर लोग बदल जाते हैं। अतः हमें सदैव मधुर वाणी एवं संयमित व्यवहार से अपनी समस्याओं को हल करना चाहिए।

2. परमवीर सेनानी (अब्दुल हमीद)

Class 2 Best Short Moral Stories – पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक छोटा-सा गाँव है। गाँव में दर्जी की दुकान पर अब्दुल हमीद बैठा था। उसके मन में बार-बार कुछ कर गुजरने की इच्छा उठती थी। गाँव का ही एक व्यक्ति फौज में सिपाही था। वह छुट्टियों में आया था। उसने अब्दुल हमीद को सलाह दी, “फौज से अच्छी नौकरी कहीं नहीं है। तुम भी क्यों नहीं भर्ती हो जाते ?”

अब्बा ने सुना तो नाराज हो गए। बोले, “हमारे घर में सिलाई का काम होता है। हम नहीं जाने देंगे लाम पै।” अब्दुल के पिताजी ने अपनी बीवी से सलाह की और अब्दुल हमीद की शादी कर दी। सोचा अब तो पलटन में न जाएगा। अब्दुल हमीद की बीवी रसूलन भले स्वभाव की थी। उसने अपने पति की बेचैनी देखी।

दर्जी के काम में अब्दुल का मन नहीं लगता था। कुछ बड़ा बनने की हौंस थी पर अब्बा और अम्मी नहीं चाहते थे कि वह कहीं बाहर जाए। रसूलन बोली, “सूरमा बनना है तो गाँव के कलुआ की तरह चले जाओ पलटन में छिपकर चले जाओ। मैं मन से कहती जैसे कलुआ वर्दी पहने, बड़े बूट पहने, शान से गाँव से निकलता है, अब्दुल भी क्यों न निकले। पर फौज में डर भी होता है। रसूलन ने दिल पर पत्थर रखकर अब्दुल को

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Class 2 Best Short Moral Stories – भर्ती के दफ्तर भेज दिया। अब्बा से ननिहाल जाने का बहाना बनाकर अब्दुल भर्ती हो गया। सन् 1962 में कसकर उसकी ट्रेनिंग हुई ट्रेनिंग खत्म होते-होते चीन का आक्रमण हो गया। अब्दुल हमीद भी मोर्चे पर गया। चीन ने भारी तादाद में चीटियों की तरह आगे बढ़ना शुरू किया। पहाड़ी इलाका था। भारतीय सेना को वहाँ लड़ाई का ज्यादा मौका नहीं | मिला था। इसीलिए वे बचाव की लड़ाई ही लड़ते रहे।

भारतीय सेना तितर-बितर हो रही थी। चीनी सेना के घेरे से निकलना कठिन हो रहा था। बहुत-से जवान रास्ता भटक गए। कुछ मर-खप गए। पर अब्दुल हमीद लंबा रास्ता चलकर किसी तरह बच निकला। उसके साथ सिर्फ दो साथी ही रह गए।

दस-पंद्रह दिनों तक दुश्मनों से बचते-बचते वे अपने इलाके में पहुँचे। कलुआ इस बीच शत्रु की गोली का शिकार होकर शहीद हो गया था। अब्दुल उसे देखकर सकते में। आ गया। पर हो क्या सकता था। Class 2 Best Short Moral Stories

एक दिन भारत का तिरंगा झंडा दिखा, घायल अब्दुल हमीद वहाँ जा पहुँचा। वहाँ जाकर पता चला कि लड़ाई बंद हो गई है और सेना को घर जाने की छुट्टी मिल गई है।

अब्दुल हमीद घर पहुँचा। गाँव में बड़ी खुशी मनाई गई। पर जब कलुआ की माँ ‘भागी भागी आई, तो उसकी आँखें पूछ रही थीं, “मेरा लाल कहाँ है ?” हमीद क्या जवाब दे ? कैसे झूठ बोले वह ? आखिर उसने कलुआ की बहादुरी और साहस की बातें सुनाई और अंत में मजबूत होकर उसे उसके वीरगति पाने की बात कहनी ही पड़ी। Class 2 Best Short Moral Stories

पंडित जवाहरलाल नेहरू मई, 1964 में स्वर्ग सिधार गए। पाकिस्तान ने सोचा कि अब भारत के टुकड़े करने का मौका है जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में पहले तो घुसपैठिए भेजे। उस दिन 10 सितंबर, 1965 को सवेरे आठ बजे थे। खेमकरण सड़क पर शिकविंड (भिक्की बिंदु) के सपाट खेतों में पाकिस्तानी टैंक घुसने लगे। टैंक आगे बढ़ने लगे। वहाँ तैनात हवलदार अब्दुल हमीद तैयार था। छोटी गर्ने सँभाले अपनी कंपनी को लेकर वह दुश्मन के सामने जा डटा ।

Class 2 Best Short Moral Stories – एक जीप में सवार हवलदार अब्दुल हमीद ने ऐसी कमान सँभाली कि दुश्मन के टैंकों को अपनी गन के गोलों से उड़ा दिया। पर उससे पाकिस्तानी टैंकों के आगे बढ़ने में कमी न आई। अब दुश्मन के टैंकों ने हवलदार के चारों ओर घेरा डालना शुरू किया।

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Class 2 Best Short Moral Stories – अब्दुल हमीद अपना रास्ता बदलता जाता और दुश्मन को भुलावे में डालता जाता। दुश्मन की तोपें उसकी जीप का ठीक से निशाना न साध पातीं, लेकिन भारी तादाद में टैंकों ने उसकी ओर आग उगलना शुरू कर दिया। पर इससे अब्दुल का हौंसला पस्त न हुआ। उसकी जीप आगे बढ़ती ही जा रही थी।

खेमकरण के धान के उन खेतों में पाकिस्तानी टैंक खेत होते रहे। वहाँ दुश्मन के टैंकों का कब्रिस्तान-सा बन गया। अकेला हवलदार अपनी गन से दुश्मन के टैंकों को मारता-गिराता चलता रहा। दो टैंकों को आग लगाकर उसने तीसरे टैंक पर गोलियों की बौछार की। उसी समय उसकी

जीप एक जलते हुए टैंक से टकरा गई।

अब्दुल हमीद की बहादुरी का परिणाम यह निकला कि उसके साथियों के हौंसले बढ़े। दुश्मन को मुँह की खाकर एकाएक पीछे भागना पड़ा। भारत की जमीन से शत्रु भाग गया। पर बहादुर अब्दुल हमीद भयानक रूप से घायल हो गया। उसका सारा शरीर आग से झुलस गया।

Class 2 Best Short Moral Stories – आँखें खराब हो गईं। वह वहीं शहीद हो गया। घर पर रसूलन उनके दो लड़के और एक लड़की को अब्दुल हमीद के शहीद होने की खबर मिली। उनकी आँखों से गंगा जमुना वह निकलीं बढ़े माँ-बाप की तो बात ही क्या पर उसने अपने करतब से वीर सैनिकों का मस्तक ऊँचा किया। मरने के बाद सरकार ने अब्दुल हमीद को परमवीर चक्र से सम्मानित किया।

शिक्षा इस अध्याय से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें सदा अपने राष्ट्र की सेवा में रहना चाहिए। देश के लिए अगर जान की कुर्बानी भी करनी पड़े, तो कभी भी हिचकिचाना नहीं चाहिए।

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