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Top 7 Best Moral Stories In Hindi for class 7

कर्त्तव्य – Moral Stories In Hindi for class 7

Moral Stories In Hindi for class 7 – किसी धर्मात्मा ने जंगल में एक सुंदर मकान और उसी की बगल में सुरम्य उद्यान इस उद्देश्य से बनवा रखा था कि उधर से आने-जाने वाले यात्रीगण उसमें ठहरें, विश्राम करें और आनंदित रहें। समय-समय पर अनेक लोग आते और ठहरते रहे। वहाँ पर नियुक्त संरक्षक हरेक से पूछता “बताइए मालिक ने इसे किन लोगों के लिए बनाया है” तो आने वाले अपनी-अपनी दृष्टि से उसका उद्देश्य बताते रहे।

चोरों ने कहा- ” एकांत में सुस्ताने, हथियार जमा रखने और माल का बँटवारा करने के लिए।”

Moral Stories In Hindi for class 7 – व्यभिचारियों ने कहा- “बिना किसी खटके और रोक-टोक के स्वेच्छाचारिता बरतने के लिए।”

जुआरियों ने कहा- “जुआ खेलने और लोगों की आँखों से बचे रहने के लिए।” कलाकारों ने कहा- ” एकांत का लाभ लेकर एकाग्रतापूर्वक कला अभ्यास करने के लिए

संतों ने कहा- “शांत वातावरण में भजन करने और ब्रह्मलीन होने के लिए।” धर्म के संदर्भ में भी जब इसी तरह अलग-अलग व्याख्याएँ होने लगें तो इसे संप्रदाय समझना चाहिए।

धर्म तो मनुष्य मात्र के लिए एक ही हो सकता है। उसे व्यक्तिगत कर्त्तव्य और सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वाह समझा जाना चाहिए।

बरदाश्त करना – Moral Stories In Hindi for class 7

एक नौजवान अपने घोड़े के साथ लंबी यात्रा पर निकला। मार्ग में घोड़े को प्यास लगी। बहुत दूर चलने के बाद उसे एक गाँव मिला, जिसमें एक रहट लगी हुई थी। उसने आस-पास पता किया कि रहट कौन चलाता है तो पता चला कि रहट के साथ लगी झोंपड़ी में रहने वाली महिला रहट चला देगी। महिला से अनुरोध करने पर महिला ने रहट चलाई, परंतु रहट की आवाज आते ही नौजवान का घोड़ा बिदक गया।

नौजवान ने महिला से आग्रह किया कि वह रहट बंद कर दे। महिला ने रहट बंद कर दी, परंतु रहट बंद होते ही पानी भी आना बंद हो गया। नौजवान ने महिला से पानी चलाने का अनुरोध किया तो रहट की आवाज आनी प्रारंभ हो गई।

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A Little Boy Riding Horse And Talking To A Women

Moral Stories In Hindi for class 7 – नौजवान बोला- “बहन ! क्या यह संभव नहीं कि रहट भी चलती रहे और आवाज भी न आए ?” महिला बोली- “भाई! ऐसा कैसे संभव है ?

रहट घूमेगी तो आवाज भी करेगी। यदि पानी पीना है तो उसके साथ चलती आवाज को भी बरदाश्त करना होगा।”

मनुष्य भी ऐसे ही जीवन से मात्र सुखों की आकांक्षा करता है, किंतु दुःख स्वीकारने को तैयार नहीं होता। जीवन तो सुख-दुःख, दोनों का मेल है-एक को भुलाकर दूसरे का रह पाना संभव नहीं।

याज्ञवल्क्य – Moral Stories In Hindi for class 7

याज्ञवल्क्य राजा जनक की सभा में विराजमान थे और शंकाओं का समाधान – कर रहे थे।

जनक ने पूछा – ” प्रकाश का स्रोत क्या है और वह न मिले तो किसका आश्रय पकड़ा जाए ?”

Moral Stories In Hindi for class 7 – याज्ञवल्क्य ने कहा – “सूर्य प्रमुख है। वह न हो तो चंद्रमा, चंद्रमा न हो तो दीपक और यदि दीपक भी न हो तो विज्ञजनों से पूछकर प्रकाश प्राप्त करें।”

जनक ने पूछा वाला न दीखे तब ?” ‘कोई बताने

याज्ञवल्क्य ने कहा ‘तब अपने अंत:विवेक के आधार पर मार्ग अपनाएँ।

सांसारिक प्रकाश न मिलने पर उसी की ज्योति यथार्थता बताती है।”

दीपक – Moral Stories In Hindi for class 7

पूर्व दिशा में उषा की लालिमा दिखाई देने लगी। अंधकार के विदा होने का समय निकट आ गया। भगवान भास्कर भी अपने रथ पर सवार होकर गगन पथ पर आगे बढ़ने लगे। उन्होंने देखा कि अंधकार से लड़ता एक दीपक एकाकी खड़ा है। दीपक की लौ ने अपना मस्तक उठाकर सूर्य को प्रणाम किया। Moral Stories In Hindi for class 7 – सूर्यदेव को यह देखकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि दीपक ने – अपना कर्त्तव्य अच्छी प्रकार निभाया है। उन्होंने इस हेतु दीपक की प्रशंसा की।

दीपक सहज भाव से बोला- “सूर्यदेव ! संसार में अपने कर्त्तव्यपालन से बढ़कर कोई अन्य पुरस्कार हो सकता है— मैं नहीं जानता। मैंने तो आपके द्वारा दिए गए उत्तरदायित्वों का निर्वाह किया है, इसमें प्रशंसा की बात ही क्या ?” सूर्यदेव संतुष्ट होकर आगे बढ़ गए। दिए गए कर्त्तव्य की पूर्ति महानता का प्रतीक होती है।

महर्षि – Moral Stories In Hindi for class 7

महर्षि रैक्व बैलगाड़ी चलाकर जीविका उपार्जन करते थे। उस राज्य के राजा जानश्रुति को ज्ञात हुआ कि महर्षि रैक्व ब्रह्मज्ञानी हैं। उनसे ब्रह्मविद्या सीखने के उद्देश्य से राजा जानश्रुति राजपरिवार को साथ लेकर महर्षि से मिलने उनकी झोंपड़ी पर पहुँचे।

महर्षि अत्यंत सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करते थे। राजा जानश्रुति ने महर्षि को प्रणाम किया और उनसे निवेदन किया-“मैं ब्रह्मविद्या सीखने का इच्छुक हूँ, यदि आप मेरे गुरु बन सकें तो मैं स्वयं को कृतार्थ समझँगा।” महर्षि रैक्व निस्पृह भाव से जहाँ बैठे थे, वहीं बैठे रहे।

Moral Stories In Hindi for class 7 – राजा के कई बार अनुरोध करने पर जब महर्षि ने कोई उत्तर नहीं दिया तो राजा को लगा कि संभवतया महर्षि किसी प्रकार की दक्षिणा या उपहार के आकांक्षी हैं।

ऐसा सोचते हुए राजा जानश्रुति महर्षि से बोले – “ऋषिवर! मैं आपके सम्मुख हजारों गायें एवं बेशकीमती रत्न, जवाहरात भेंट करना चाहता हूँ। इन्हें स्वीकार कर मुझे ब्रह्मविद्या का उपदेश देने का अनुग्रह करें।” यह सुनकर महर्षि रैक्व बोले – ” पुत्र ! इस ज्ञान की प्राप्ति में यही तो बाधा है।

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A Rishi Is Talking To A King

राजपद का अहंकार तुम्हें ऐसा समझने पर विवश करता है कि तुम्हें भ्रांति हो गई है कि ब्रह्मविद्या भी कोई क्रय-विक्रय की वस्तु है, जिसे निर्धारित मूल्य देकर खरीदा जा सकता है।

Moral Stories In Hindi for class 7 – ब्रह्मविद्या तो ब्रह्म को जानने की विद्या है, जो समस्त आकर्षणों से परे है। यदि इसको भी खरीदा जा सके तो इसमें और बाजार में बिकते सामान में क्या अंतर है ?”

राजा जानश्रुति का अहंकार चूर हो गया, उन्हें भान हुआ कि अध्यात्म के पथ पर चलने में अहंकार ही तो बाधा है। यदि यह समाप्त हो जाए, कामनाएँ शून्य हो जाएँ तो प्रभु की भक्ति से उन्हें कौन रोक सकता है। इस भावना के साथ जब वे महर्षि के समक्ष पुनः प्रस्तुत हुए तो वे सच्चे ज्ञान के अधिकारी बने।

प्रेम – Moral Stories In Hindi for class 7

एक गाँव में एक व्यक्ति रहा करता था। उसकी अभिलाषा थी कि वह तीर्थाटन पर निकले, परंतु उसके वृद्ध पिता के साथ रहने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाता था। कोई और उपाय न निकलता देख, वह उनको साथ लेकर ही तीर्थयात्रा पर निकला।

पिता के स्वास्थ्य के कारण मार्ग में कई बार रुकना पड़ता तो उसके मुख पर आए खीझ के भाव यद्यपि बाहर नहीं निकलते थे, तब भी दिखाई तो पड़ ही जाते थे। एक दिन उसने राह में एक छोटी-सी बच्ची को देखा, जो अपनी गोद में एक छोटे से बालक को लिए जा रही थी।

Moral Stories In Hindi for class 7 – उत्सुकतावश उसने बालिका से पूछा “बेटा! तुम इस बालक को इतनी देर से गोद में लिए हुए हो, तुम्हें वजन नहीं अनुभव होता ?” बच्ची ने उत्तर दिया- “मैं तो अपने भाई को गोद में लिए हुए हैं, उसे उठाने में भला कैसे भार लगेगा। पर ऐसा लगता है, जैसे आप किसी अपरिचित को साथ ले आए हैं क्योंकि आपके चेहरे पर जरूर थोड़ा भार आ गया है।”

व्यक्ति को महसूस हुआ कि प्रेम से किया गया कार्य कभी बोझ नहीं बनता, पर अनमने भाव से किया गया कार्य बोझ जरूर बन जाता है।

शर्त – Moral Stories In Hindi for class 7

घटना रूस के साइबेरिया क्षेत्र की है। बहुत वर्षों पहले वहाँ एक छोटा-सा गाँव हुआ करता था, जो अपनी एक अनूठी परंपरा के लिए विख्यात था। परंपरा यह थी कि गाँववाले अपनी जमीन बिना किसी मूल्य के किसी भी आगंतुक को दे दिया करते थे, यदि यह उनके द्वारा रखी गई शर्तों को पूर्ण कर दे।

यह बात अलग थी कि वे शर्त क्या रखते थे, इसका पता किसी को भी नहीं लग पाया था। ऐसी ही किंवदंतियों को सुनकर एक किसान उस गाँव पहुँचा। Moral Stories In Hindi for class 7 – उसने गाँववालों से जब इस परंपरा के विषय में पूछा तो गांववालों ने इसकी पुष्टि की और उसे प्रधान के पास ले गए। गाँव का प्रधान उसे देखकर जोर से हँसा और बोला- “लो एक और आ गया।”

किसान सुनकर आश्चर्यचकित हुआ और पूछने लगा- “आप हँसे क्यों ?” गाँव का प्रधान बोला- “हँसने की बात यह है कि यहाँ तो लगभग हर दिन ही कोई-न-कोई इस शर्त का पता लगाने आता है, पर आज तक उसको जीतकर कोई वापस नहीं लौटा।”

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A Farmer Is Completing a Work

किसान ने पूछा- “शर्त क्या है ?” ग्राम प्रधान बोला “सारी जमीन तुम्हें निःशुल्क उपलब्ध है। इसके लिए मात्र एक शर्त है कि तुम यहाँ खिंची रेखा से सूर्योदय से दौड़ना शुरू करोगे और सूर्यास्त होने तक जितनी जमीन नापकर तुम इसी रेखा तक आ जाओगे, उतनी जमीन तुम्हारी हो जाएगी, पर यदि नहीं आ पाए तो तुम्हें आजन्म गुलाम बनकर यहाँ रहना पड़ेगा।”

किसान को लगा कि यह तो बड़ी ही आसान शर्त है और उसने तुरंत हाँ भर दी। सूर्योदय पर उसने भागना शुरू किया और दोपहर होने तक उसने सात-आठ मील जमीन माप ली तो उसका लालच बढ़ने लगा। उसने साथ लाया भोजन और पानी वहीं छोड़ा और सोचा कि एक दिन नहीं भी खाया तो क्या, आज ज्यादा से ज्यादा जमीन नाप लेते हैं।

भागते-भागते दोपहर के तीन बज गए, पर ज्यादा जमीन का लालच उसे दूसरी तरफ खींचे जाता था। मन मारकर वह वापस लौटा तो खिंची रेखा से आधा मील दूर जमीन पर गिर पड़ा। ग्राम प्रधान वहीं पास खड़ा था और उससे बोला “शर्त आसान है, परंतु मनुष्य के लालच का अंत नहीं।

इसीलिए आज तक इस शर्त को पूरा करने वाला कोई मिला नहीं और जितने गाँववाले दिखाई पड़ते हैं, ये सब शर्त हारे हुए गुलाम ही हैं।”

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