हेलो दोस्तों मै हूँ केशव आदर्श और आपका हमारे वेबसाइट मोरल स्टोरीज इन हिंदी (Moral Stories in Hindi) में स्वागत है आज जो मै आपको कहानी सुनाने जा रहा हु | उसका नाम है समय का सदुपयोग – Right Use Of Time | यह एक Moral Stories For Kids और Bedtime Stories In Hindi की कहानी है और इस कहानी में बहुत ही मजा आने वाला है और आपको बहुत बढ़िया सिख भी मिलेगी | मै आशा करता हु की आपको ये कहानी बहुत अच्छी तथा सिख देगी | इसलिए आप इस कहानी को पूरा पढ़िए और तभी आपको सिख मिलेगी | तो चलिए कहानी शुरू करते है आज की कहानी – Tसमय का सदुपयोग – Right Use Of Time।
समय का उचित उपयोग। समय का सदुपयोग – Right Use Of Time
समय का सदुपयोग जो करता है उस व्यक्ति को समय के साथ अच्छा परिणाम मिलता है।
ऐसा ही हुआ, जब सोनू और वानी की वार्षिक परीक्षा निकट थी।

सोनू – अरे तुम अभी भी पढ़ ही रही हो? चलो, खाना खाते हैं।
वाणी – बस एक छोटा सा प्रोजेक्ट बचा है। अगर मैं इसे पूरा नहीं करुँगी , तो शिक्षक मुझे डांटेंगे। और अगले सप्ताह से परीक्षा भी शुरू हो रही है | वानी बहुत मेहनती थी और, और समय का सदुपयोग – Right Use Of Time – वह समय का सही उपयोग किया करती थी । जबकि उसका भाई सोनू एक बहुत लापरवाह और शरारती बच्चा था। वह हर काम कल के लिए टाल देते थे।
वाणी – क्या तुम्हारा प्रोजेक्ट तैयार है? सोनू – अभी से प्रोजेक्ट | उसे तो छठी पीरियड में जमा करना है। अभी दो पीरियड बाकी हैं। मैं इसे झट से कर लूंगा। अब जल्दी आओ, मुझे भूख लगी है। और मुझे खेलना भी है।
वाणी – अरे सुनो! रुको ! यदि तुम इसे पूरा नहीं करोगे, तो शिक्षक तुमको डांटेंगे।
सोनू और वानी के माता-पिता हमेशा सोनू को वानी का उदाहरण देते हुए समझते थे ।
सोनू की माँ – देखो प्यारे सोनू , तुम बड़े हो गए हो। खेलकूद के साथ-साथ तुम अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दो |
सोनू – हाँ माँ, मैं इसे कल से जरूर करूँगा।

सोनू के पापा – समय का सदुपयोग करनाअपनी बहन से सीखो | देखो ! वह समय पर पढ़ती है, समय पर खेलती है। आज का काम कल के लिए कभी नहीं टालती |
सोनू – आप देखना कल से बिलकुल ऐसा ही करूँगा | क्या मैं अब खेलने जाऊं? प्लीज़ |
सोनू दिन-पर-दिन अधिक लापरवाह हो रहा था। और अंत में, परीक्षा के दिन नजदीक आ गए। सोनू और वानी की परीक्षा में सिर्फ दो दिन बचे थे।
सोनू के पापा – बच्चों , अगले सोमवार से आपका परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं | तुम लोग अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो | परीक्षा में अच्छा करो। सोनू, मुझे तुम्हारी बहुत चिंता है। तुम हमेशा अपना काम कल के लिए टालते रहते हो। पढ़ाई कल के लिए नहीं टालना। वानी की तरह सभी पाथो को समय से पढ़ लेना।ठीक है !

सोनू – अरे पापा! परीक्षा में अभी पुरे दो दिन बाकी हैं | मैं सब कुछ झट से पढ़ लूंगा। सबकुछ | अभी मैं अब खेलने जा रहा हूँ। जब तक खेलूंगा नहीं तब तक पढाई भी समझ में नहीं आएगी।
सोनू – (सोनू जब अपना बल्ला उठाकर कर खेलने जा रहा था तब ) अरे वानी ! देखो न, मौसम कितना सुहावना मौसम हो रहा है। चलो कुछ देर खेलते हैं। हम बाद में भी पढ़ सकते हैं। झट से सब हो जायेगा ।
वाणी – हाँ, मौसम तो सुहावना है पर मुझे अपना पाठ अभी पूरा करना है | कल हमारी परीक्षा है।
सोनू – इस मौसम में तो खेलने का मजा ही कुछ और है। तुम पढ़ती रहो, मैं खेलने जा रहा हूँ।
कुछ देर बाद वानी ने देखा सुहाना मौसम था | धीरे-धीरे आंधी – तूफ़ान में बदल रहा है। और काले बादल भी छा रहे थे | जैसे कभी भी बारिश हो सकती है। बारिश का मौसम देख वानी को चिंता होने लगी। कि अगर बारिश आ गयी तो उसका पाठ कैसे पूरा होगा | क्योकि बारिशो में अक्सर घर की बिजली कट जाती है |
Read more:- जादुई कढ़ी चावल

उसने सोनू को आवाज दी । सोनू – सोनू सुनो! मौसम देख कर लग रहा है कि बारिश होने वाली है। शायद , रात को बिजली भी काट जाये । खेलना बंद करो। आओ और आकर अपना पाठ पूरा कर लो। वरना कल परीक्षा में क्या लिखोगे ?
सोनू – चिंता मत करो, वानी। अभी तो दोपहर ही हो रही है। रात को मैं बैठ कर फटाफट सब खत्म कर लूँगा। बिजली नहीं कटेगी। बल्कि बारिश के बाद पढ़ने में और मजा आएगा। अच्छा अब मैं जाता हूँ अब मेरी बैटिंग आ गयी |
इसे भी पढ़े – School Homework | Best Moral Stories For Kids in Hindi in 2022
सोनू देर शाम तक खेलता ही रहा। लेकिन उसे चिंता तब हुई | जब अचानक से बारिश शुरू हो गयी । सोनू बुरी तरह घबरा गया और घर लौट आया। घर पर आकर उसने देखा कि घर में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में बिजली नहीं है। यह देखकर सोनू जोर – जोर से रोने लगा। सोनू – कल परीक्षा में मेरा क्या होगा ? मैंने तो एक पथ भी नहीं पढ़ा | और अब तो बिजली भी नहीं है। मैं फेल हो जाऊंगा।
वाणी – मैंने कहा था न की अपना पथ समय से पढ़ लो |

सोनू के पापा – मैंने तुम्हे एक हफ्ते पहले हो कह दिया था | कि समय पर पढ़ लेना लेकिन तुम्हे कभी कुछ समझ नहीं आता। अब भोगो।
सोनू – सॉरी पापा। अब मैं क्या करू? काश ! मैंने सही समय पर ही अपने पाठ पढ़ लिए होते |
उसे समझ आ गया था की उसकी लापरवाही के कारण उसके पास पढ़ने के लिए समय नहीं बचा था |
वाणी – रोने – धोने से अब कुछ नहीं होगा। अब समझ आया कि सर तुम्हे क्यों समझते थे ? अब रोना बंद करो और चलो मेरे साथ। मैंने अपनी पढ़ाई समय पर ही पूरी कर ली थी । मैं तुम्हे सारा पाठ समझा दूंगी और याद भी करवा दूंगी | चलो |
अगले दिन, दोनों बच्चे खुशी-खुशी परीक्षा देने गए।
सीख – जो समय का करे सम्मान भविष्य में वो कहलाये महान |
इसे भी पढ़े – चींटी और टिड्डा – Best Moral Stories In Hindi | Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi | Dadimaa Ki Kahaniya 2022