Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2

प्राचीन और अर्वाचीन शिक्षा-प्रणाली

Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2 – उज्जैनके पास एक जंगलमें सांदीपनि मुनिका गुरुकुल था। उसमें ग्यारह विद्यार्थी थे। सुदामाजी तथा श्रीकृष्णजी भी उसी गुरुकुलमें रहकर विद्याध्ययन करते थे।

कुटीके सामने एक नीमके नीचे एक चौकीपर गुरु सांदीपनिजी विराजमान थे। नीचे ग्यारह छोटी-छोटी चटाइयाँ अलग-अलग पड़ी थीं। प्रातः का समय था। जो विद्यार्थी आता था, वह गुरुजीको प्रणाम करता था और एक फूलमाला पहनाकर अपने आसनपर बैठ जाता था। सब विद्यार्थी पीला आँचल बाँधे थे जो ब्रह्मचारीकी पोशाक थी।

गुरु- क्यों शिवदत्त ! तुम प्रातः कितने बजे उठते हो?

शिवदत्त – श्रीगुरुदेव ! मैं प्रातः चार बजे उठता हूँ।

गुरु- प्रत्येक विद्यार्थीको चार बजे उठना चाहिये। सब विद्यार्थी – हमलोग चार बजे ही उठ जाते हैं, महाराज! गुरु-उठकर क्या करते हो, गुरुदत्त?

गुरुदत्त – शौच जाता हूँ। गुरु- नहीं। उठकर जितना पी सको, एक कुल्ला करके जल पीना

चाहिये। रातको एक लोटा जल ढककर शय्याके पास रख लेना चाहिये। सूर्यदत्त – इससे क्या लाभ होगा, गुरुदेव ? गुरु-न तो कभी अजीर्ण होगा और न कभी तपेदिक होगी।

चन्द्रदत्त – इसे ‘शिक्षा’ कहते हैं। संसार सुन ले-इसीका नाम

शिक्षा है।

गुरु- क्यों सुदामा ! जागनेके बाद तुम क्या करते हो? सुदामा-ठाकुरजीको प्रणाम करता हूँ। माता-पिताको प्रणाम

करता हूँ।

गुरु-यहाँ गुरुकुलमै माता-पिता कहाँ?

सुदामा- अपने मनमें उनका ध्यान करके प्रणाम करता है। गुरु-परंतु शय्यासे पृथ्वीपर पैर रखनेके पूर्व धरती माताका चरण छूना चाहिये।

चंद्रदत- पृथ्वीके चरण कहाँ हैं, गुरुदेव? गुरु हर जगह चरण ही हैं।

हरिदत-जागने के बाद एक कुछ करके जल पीना चाहिये- फिर ईश्वर, माता, पिता, गुरुकी मन-ही-मन प्रणाम कर पृथ्वीका चरण छूना बाहिये। धन्य गुरुजी ! धन्य आपकी शिक्षा | प्रभुदत्त क्यों गुरुजी! पृथ्वीके चरण छूतेसे क्या लाभ?

गुरु-रोटीके लिये कभी दुःखी न रहोगे। आयु बढ़ेगी, विद्या मिलेगी, कीर्ति और शक्ति प्राप्त होगी। यज्ञदत-शौचके बाद मैं स्नान करता हूँ। फिर संध्या करके भगवान् सूर्यदेवको अर्घ्य देता हूँ अर्थात् जल चढ़ाता हूँ।

सब लड़के हम सभी संध्या करके जल चढ़ाते हैं।

गुरु- सूर्यदेवको जल चढ़ानेसे क्या लाभ है?

गुरुदन- मालूम नहीं, श्रीमहाराज!

गुरु-नेत्रोंकी ज्योति कभी नष्ट नहीं होती। तेज उत्तरोत्तर बढ़ता है। चन्द्रदन- इसका नाम है शिक्षा जीवनोपयोगी शिक्षा इसीको

कहते हैं।

गुरु-सूर्यको जल दान करते समय क्या कहते हो? सब लड़के- गायत्री पढ़ते हैं, गुरुदेव!

गुरु-ठीक है, एक दोहा भी पढ़ा करो

तेज-रूप-रस-धाम तुम किरनमाल अभिराम । तमहारी भगवान् रवि! तुमको नित्य प्रणामः॥ शिवदत्त – इसके बाद हमलोग ‘कलेवा’ करते हैं-गुरुजी! गुरु-क्या कलेवा करते हो? शिवदत्त – रातको शीशमकी पत्ती कुचलकर भिगो देते हैं। उसीका

सवंत पीते हैं।

Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2 – गुरु- दूध भी पी सकते हो। पत्तीके रसमें भी दूध मिलाया जा

सकता है। किसी बासी चीजसे कलेवा कभी मत करना। बासी चीजसे स्वास्थ्य खराब होता है। प्रभुदत्त – कलेवा करके हमलोग एक घंटा पाठ याद किया करते हैं।

Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2
A guru is speaking something

गुरु-हाँ, पाँच बजेसे छः बजेतक ही याद करनेका ठीक समय है। जो विद्यार्थी उस समय याद नहीं करता, वह सफल विद्यार्थी नहीं बन सकता। यज्ञदत्त – ब्रह्मचारीको क्या नहीं खाना चाहिये, गुरुदेव ?

गुरु- नमक, मिर्च, खटाई, मिठाई और तेलसे ब्रह्मचारीको

बचना चाहिये।

सुदामा-नमक और मिठाईका थोड़ा-बहुत व्यवहार तो होता है, गुरुदेव ! गुरु- कम-से-कम व्यवहार करो। अलोना और कच्चा अनाज खाया

करो। पकी हुई रोटी तो मुर्दा चीज है। अनाज और फल तथा तरकारी

कच्ची ही खानी चाहिये।

यज्ञदत्त – ब्रह्मचारीके लिये यह भी जरूरी है कि वह ब्रह्मचर्यके देवता वीर बजरंगीका इष्ट रखे। मंगलका व्रत रखे और अपनी क्षमताके अनुसार कुछ प्रसाद चढ़ाकर बच्चोंमें बाँट दे।

गुरु- बताओ, चन्द्रदत्त ! आज जीवनके लिये क्या शिक्षा दी गयी?

चन्द्रदत्त – प्रातः चार बजे उठना चाहिये। जल पीना चाहिये। ईश्वर माता-पिता-गुरुको भक्तिपूर्वक प्रणाम करना चाहिये। पृथ्वी माताके चरण छूकर शौच जाना चाहिये। स्नानके बाद संध्या करके सूर्यदेवको जल देना चाहिये। जलपानमें पत्तियोंका रस लेना चाहिये। जहाँतक हो नमक मिर्च- खटाई मिठाई और तेलसे बचना चाहिये। मंगलको व्रत रखकर महावीरजीका प्रसाद बाँटना चाहिये।

गुरु- प्रातः काल एक घंटा पाठ याद करना चाहिये। सब लड़के – जी गुरुदेव ! आपकी शिक्षा जीवनप्रदायिनी है, दीर्घ जीवनदायिनी है और कल्याणकारिणी है।

चन्द्रदत्त-सारे संसारको कान खोलकर सुन लेना चाहिये कि प्राचीन भारतमें शिक्षाका कैसा सुन्दर रूप था। तभी विद्यार्थी लोग वेद कण्ठस्थ कर सकते थे और उनका मर्म भी समझ सकते थे।

Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2 – शाहाबाद हाई स्कूलमें इंट्सके दर्जेको हेडमास्टर खड़े होकर पढ़ा रहे थे और विद्यार्थीलोग पास-पास बैठे सुन रहे थे।

हेड० – भारतमें असभ्य लोग रहते थे। उनको कोल-किरात और भील कहते थे। गड़रिये गड़बड़ गाया करते थे, उन्हींको लोग वेद कहने लगे। सब असभ्य थे। अंग्रेजोंने भारतको सभ्यता सिखलायी।

ज्ञानचंद-सव असत्य है! जब अंग्रेज जातिका जन्म भी न हुआ था तबसे भारत सभ्य है। रामायणकालमें और महाभारतकालमें अंग्रेज कहाँ थे? हमारे वेद-शास्त्र, उपनिषद् और पुराण भारतकी आदिम सभ्यताकी घोषणा कर रहे हैं। कोल-भील क्या अंग्रेजोंक देशमें नहीं रहते? क्या उनके यहाँ ‘सभ्यता’ आ चुकी है?

हेड० – बोलो, कर्मचंद ! स्वेज नहरपर कितने बंदर हैं? कर्मचंद बंदर या बंदरगाह ? हेड० – बंदरगाह।

कर्मचंद – मैं अपने दिमागके साथ यह अत्याचार नहीं कर सकता कि उसे स्वेजके बंदर याद कराऊँ कि जिससे मेरे जीवनको कोई लाभ नहीं। अपने पुस्तकालयमें एक भूगोलकी पुस्तक रख दी है। उसमें दुनियाभर के बंदर तथा बंदरगाह लिखे हैं।

हेड०- सुरेश कहाँ गया? ज्ञानचंद – बरामदे में खड़ा सिगरेट पी रहा है।

हेड०- क्यों रमेश! प्रशान्त महासागर

रमेश- अरे दइया! मार डाला रे!

हेड० – क्या हो गया रे?

रमेश- हरीशने एक आलपीन मेरी जाँघमें घुसेड़ दी। हेड०- क्यों! हरीश, यह क्या हरकत है?

Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2 – हरीश यह मेरे पास क्यों बैठा है? इससे मुझे नफरत है। हेड०- क्यों नफरत है? हरीश रमेशने मेरे पितासे कह दिया था कि मैं चाइनस खेलता

हूँ और दो-चार रुपये रोजाना हारता हूँ। हारता तो मैं हूँ-इसके बापका

क्या खर्च होता है?

हेड०- तुम दोनों अलग-अलग बैठा करो। रमेश-बैठनेके लिये बेंच ठीक चीज नहीं है। कलसे मैं अपनी चटाई लाया करूँगा और सबसे अलग बैठा करूँगा।

हेड०- क्यों दिनेश! ‘एलजबरा’ याद कर लाये? दिनेश-जब मैं ‘एलजबरा’ की किताब उठाता हूँ, तब कोई दिलमें

कहता है कि दिलके साथ व्यभिचार मत करो। हेड०- हमारी शिक्षासे दिमागपर अत्याचार तथा दिलपर व्यभिचार

होता है?

ज्ञानचंद – इन समस्त पाठ्य-पुस्तकोंको फेंक देना चाहिये।

दिनेश- अगर हमें क्लर्कीकी ही योग्यता देनी है तो क्लर्कों लाइनकी

Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2 – ही किताबें पढ़ानी चाहिये। यह सब ‘अंट-संट’ और ‘आयें-बायें’ क्यों? हेड०-तुमलोगोंको विद्या नहीं आयेगी। ज्ञानचंद – विद्या नहीं- अविद्या कहिये।

हेड० – तुमलोग पाजी हो ।

ज्ञानचंद – गालीका जवाब गालीसे दिया जायगा। हेड० – हम तुम्हारा रस्टीकेशन करेगा। ज्ञानचंद-स्कूलसे निकालनेवालेको हमलोग सड़कपर जूतोंसे पीट

डालेंगे।

रमेश–संसारवालो! यह है हमारी अर्वाचीन शिक्षा-प्रणालीका नमूना । नीचेसे ऊपरतक सारी बातें अशुद्ध !!

बिना सोचे

Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2 – सोनू बहुत खुश था। आज उसके स्कूल में भाषण प्रतियोगिता थी। वहां उसके रमेश अंकल भी आ रहे थे। रमेश अंकल से आमने-सामने मिलने की उम्मीद ने उसे एक अलग ही उत्साह से भर दिया था। रमेश, सोनू के स्कूली मित्र मोहन के पिता थे।

कुछ महीने पहले इंटरनेट मीडिया पर रमेश अंकल से जुड़ने के बाद सोनू उनके व्यक्तित्व से इतना प्रभावित हुआ कि उनकी हर एक पोस्ट को पसंद करना उसकी आदत बन गई थी। रमेश अंकल के पहनावे, इंटरनेट मीडिया पर सुंदर स्टेटस और तस्वीरें साझा करना, इन सब के आगे उसे अपने पिता अजय का व्यक्तित्व फीका नजर आता। उसे रमेश अंकल कोई सुपर हीरो लगते, जबकि अपने पिता एक साधारण आदमी नजर आते।

सोनू स्कूल के लिए तैयार होकर रमेश अंकल की फेसबुक प्रोफाइल खोले बैठा था। उन्होंने अपनी तस्वीर के साथ महात्मा गांधी का कथन साझा किया था

कमजोर कभी क्षमा नहीं कर सकते, क्षमा ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है। सोनू ने पोस्ट को पसंद किया और कमरे से निकल आया। आज अजय ने सोनू के स्कूल के कार्यक्रम के लिए आफिस से छुट्टी ले रखी थी। थोड़ी देर में वे लोग स्कूल के लिए निकल पड़े। रमेश अंकल से मुलाकात स्कूल पहुंचते ही सोनू की नजरें रमेश अंकल को ढूंढ़ने लगीं।

Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2 – मोहन अपनी मां के साथ था, लेकिन रमेश अंकल नजर नहीं आ रहे थे। मोहन से पूछा तो पता चला कि वह किसी काम में व्यस्त हो गए हैं, थोड़ी देर में आएंगे। कार्यक्रम शुरू हो गया। बच्चों ने एक-एक कर भाषण दिए। मोहन का भी भाषण हो गया, लेकिन रमेश अंकल नहीं आए। थोड़ी देर बाद उसने देखा कि रमेश अंकल मोहन के बगल में बैठे हुए थे।

शुरू मोहन वितरण के बाद सबका मिलना हुआ। नको प्रथम और द सोनू को तृतीय पुरस्कार मिला था।

सोनू मम्मी पापा के साथ मोहन को बधाई देने के बहाने रमेश अंकल के पास पहुंच गया। रमेश अंकल की जो छवि उसने फेसबुक पर देखी थी, वास्तविकता उससे अलग थी। आंखें चढ़ी हुईं, चेहरे पर रूखापन। उन्होंने मिलकर प्रसन्नता नहीं दिखाई। मोहन की मां जरूर अच्छे से मिलीं। वे लोग बातें कर रहे थे कि स्कूल के चपरासी श्याम बाबू सबको कोल्ड ड्रिंक देने लगे। इस बीच थोड़ी-सी कोल्ड ड्रिंक छलककर रमेश अंकल की पैंट

पर गिर पड़ी। “अंधे हो क्या…।” श्याम बाबू लगातार सारी बोले जा रहे थे, लेकिन रमेश का गुस्सा सातवें आसमान पर था, “तुम्हें नौकरी से निकलवा दूंगा… तुम जानते नहीं कि मैं कौन हूं…।” अजय रमेश को रोके हुए थे, अन्यथा वह श्याम बाबू पर हाथ भी उठा देते।

समय का सदुपयोग - Right Use Of Time - Hindi Kahaniya | Bedtime Stories and Moral Stories for Kids
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Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2 – “मिस्टर रमेश, आपकी पैंट पर कोल्ड ड्रिंक गिरी है, एसिड नहीं गिरा कि आप इतना बिगड़ रहे हैं। गलती इंसान से ही होती है। श्याम बाबू ने सारी बोल दिया, आपको क्षमा करके बात खत्म करनी चाहिए।

” अजय ने सख्ती से कहा। रमेश को अजय 3 का बोलना अच्छा नहीं लगा। वह तमतमाकर स्कूल से निकल गये। असली-नकली चेहरे

सोनू सदमे में था। उसे एक ओर रमेश अंकल द्वारा साझा गांधीजी का रेल कथन याद आ रहा था, तो दूसरी कैट ओर उनका व्यवहार दिख रहा था। . कितना अंतर था दोनों में !

जाग

“सोनू, रमेश अंकल से मुलाकात कैसी रही?” घर पहुंचकर मां ने पूछा। सोनू बिलख पड़ा। सुनीता वाद ने बेटे को छाती से लगा लिया। वह समझाने लगीं, “बेटा, इंटरनेट मीडिया को एक फिल्म समझ लो, जहां हर कोई एक किरदार में ढलकर रहता है। लेकिन वह उसका असली चेहरा नहीं होता।

Top 2 Best Short Moral Stories In Hindi For Class 2 – असली चेहरा के मिलने पर ही पता चलता है। इंटरनेट मीडिया पर अच्छा दिखने वाला हर व्यक्ति बुरा नहीं होता, लेकिन हर में आदमी की इंटरनेट मीडिया की छवि और असल जिंदगी में बहुत अंतर होता है। इसलिए इंटरनेट मीडिया के आधार पर पसंद या नापसंद करना देख समझदारी नहीं है।

” सोनू ने अपने पिता का व्यवहार देखा था और रमेश अंकल का भी। अब उसे अपने पिता सुपर हीरो लग रहे थे। उसने तय किया कि अब इंटरनेट मीडिया के आधार पर किसी के प्रति राय इस कहानी को ऐ बिल्कुल नहीं बनाएगा। सुनने के लिए स्कैन करें।

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