Bhakt Harivansh Ji

Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10

भगत हरिवंशजी – Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10

Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10 – इटावा जिले के जयतिपुर नामक गाँव में आपने एक द्विवेदी घराने में आज से कोई पचहत्तर साल पूर्व जन्म धारण किया था। सन् १९२२ ई० में आपने समाधि ली। समस्त जीवन जमींदारी करके, केवल बारह साल तक आपने वह ‘भक्ति’ दिखायी कि सब जनता ने कहा- ‘वाह वाह।’

अपने चारों पुत्रों को बराबर-बराबर जमींदारी तकसीम करके आपने गाँव में ही फकीरी ले ली। आप सबसे बड़े लड़के पं० रामसने ही जी द्विवेदी के घर रोटी खाया करते थे। किसी के निमन्त्रण में कभी न जाते. थे। रोटी का तरीका यह था कि परवा के दिन एक रोटी से शुरू करते और प्रतिदिन एक बढ़ाते हुए पूर्णमासी को पूरी पंद्रह रोटी खाते थे!

उसके बाद क्रमशः एक रोटी उतारते हुए फिर एक पर आ जाते थे। इसी नियम के कारण वे किसी के निमन्त्रण में न जा सकते थे। यह आपका पहला स्वभाव था।

आप तिलक न लगाते थे, परंतु आपके सिर के बाल सुरक्षित थे। कुरता, कोट और धोती-यह आपकी पोशाक थी। हाथ में लाठी भी रहती थी। टोपी नहीं लगाते थे।

भगत हरिवंशजी का काम – Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10

Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10 इनका काम था — गाँव के आसपास और गाँव की प्रत्येक चीज के आसपास घूमना। मान लो आप उस गाँव में गये तो आपको इशारे से वे खड़े रहने को कहेंगे। अगर आपने इशारा न समझा या लापरवाही दिखलायी तो वे अपनी लाठी दिखाकर खड़ा कर लेंगे।

इस तरह वे हर किसी को खड़ा कर लेते थे और सात चक्कर देकर उसके चरण छू लेते थे। एक दिन गाँव का पटवारी एक मुकदमें के लिये अबेर हो जाने के भय से जल्दी-जल्दी जा रहा था। उसका यह प्रण भी था कि वह अपने चरण इनको कभी नहीं छूने देता।

क्योंकि बाबाजी ने गाँव में नर-नारी, बालक, बालिका, पशु और जड़ पदार्थ- कोई भी ऐसा न छोड़ा था, जिसके सात चक्कर देकर चरण न छू लिये हों। सो भी जो जब सामने आ जाता, तभी उसकी यह दशा की जाती थी। मेहतर के चरण जमीन पर हाथ देकर छूते थे।

यहाँ तक कि गाँव का प्रत्येक कुत्ता, प्रत्येक बकरा और प्रत्येक बदमाश उनसे अनेक बार चरण छुआ चुका था और अगर कोई दूसरा उनके चरण छूने का प्रयत्न करता तो वे क्या करते, इसका उत्तर आपको इसी पटवारी वाली घटना में मिलेगा।

एका एक बाबाजी को रास्ते में सामने से आते देख पटवारी ने चाहा कि कतरा कर निकल जाऊँ। बाबाने हाथ से इशारा किया, लाठी उठाकर भी डराया; परंतु पटवारी ने एक न सुनी और लगायी दौड़ बाबाजी ने देख लिया। गाँव से फफूँद का कसबा एक मील है।

बाबाजी – Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10

Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10 – कसबे की मुन्सफी में एक मुकदमें की गवाही में पटवारी जा रहा था, इसलिये वह कसबे की तरफ भागा। मालूम होता था कि भागने का इरादा उसने पहले से कर लिया था। मगर बाबा जी भी धुन के पक्के थे। उसके पीछे-पीछे एक मील दौड़ते गये और मुन्सफी के दरवाजे पर पटवारी को जा पकड़ा।

बस्ता जमीन पर रखकर पटवारी खड़ा हो गया। बाबाजी ने उसके सात चक्कर लगाये। ज्यों ही उन्होंने चरण छूने को हाथ झुकाये, त्यों ही पटवारी फिर घर भागा और सीधा थाने में थानेदार के सामने जा खड़ा हुआ। बाबा जी भी धुन के पक्के थे ही! उसका बस्ता दबाया बगल में और उसके पीछे-पीछे दौड़ते हुए थानेदार के सामने जा पहुँचे।

पटवारी का बस्ता थानेदार के सामने रख दिया और पटवारी को उठाकर जमीन पर दे भारा। उसके बाद उसके सात बार चरण छूए तब पटवारी भी उठा और उनके चरण छूने का यत्न करने लगा। इस कारण दोनों में पहलवानों जैसे दाँव-पेच चलने लगे।

थानेदार को मालूम था कि जयति पुर का हरिवंश भगत परमात्मा की भक्ति नम्रता के द्वारा केवल नम्रता के द्वारा करता है। इसलिये उन्होंने इस झगड़े में कोई बाधा न दी।

पटवारी – Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10

Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10 – प्रायः आध घंटे तक दोनों में पेच चलते रहे। इसके बाद बाबाजी ने मौका पाते ही भागना शुरू किया तब पटवारी ने उनको पकड़ लिया। पर चूँकि उसे अदालत में जाना था, इसलिये वह अपनी ही हार मानकर चला गया।

Bhakt Harivansh Ji - Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10
Bhakt Harivansh Ji

भगत हरिवंश ने केवल नम्रता-तत्त्वके आधार पर अपनी साधना साधी थी। लगातार बारह साल तक प्रत्येक जड़-चेतन की सप्रणाम चरण-वन्दना करते-करते उनका हृदय एक शीशे की तरह निर्मल हो गया था।

भगत हरिवंशजी को भविष्य दिखलायी पड़ता था। प्रत्येक ग्रामवासी की आयी हुई मौत को वे पहले से ही बतला देते थे। वे कम बोलते थे। परंतु जो बोलते थे, सच हो जाता था। यह सिद्धि आपको नम्रता की साधना से शीघ्र ही प्राप्त हो गयी थी।

आप अपनी जवानी में लाठी चलाने वालों में एक नम्बर थे। जब वे लाठी लेकर खड़े होते थे, तब सौ दुश्मन भी उन्हें नहीं घेर सकते थे। जब फकीर हो गये, तब भी उन्हें एक बार लाठी चलानी पड़ी थी।

हरिवंशजी – Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10

Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10 – पर वह लाठी चलाने का इतिहास है बड़ा अद्भुत! उन्होंने खुद किसी को नहीं मारा और अपने चारों अभिमानी पुत्रों की लाठियों को बचाते गये। बात यह थी कि उस गाँव में एक नम्बरदार घराना कायस्थ कुल का भी है। बाबाजी तो किसी पर नाराज रहते ही न थे, परंतु उनके चारों कुमार कायस्थ की जाति से नफरत रखते आ रहे थे।

एक दिन एक मामूली गलती पर चारों लड़के लाठी ले-लेकर लाला वृन्दावन के घर पर गाली देने और लाठी चलाने आये। उस समय बाबाजी वहीं थे और वृन्दावन से बातें कर रहे थे।

पहले तो बाबाजी ने अपने उन बेखबर लड़कों को समझाया, फिर लाठी के द्वारा उन चारों की लाठियों का जवाब देने लगे और उस असहाय कायस्थ कुमार की रक्षा करने लगे। Best Short Moral Stories In Hindi For Class 10 – तब तक वह मौका पाकर कहीं जा छिपा। उस दिन से बाबा जी के बड़े लड़के ने उनकी उपेक्षा शुरू कर दी और उनके अन्तकाल तक उन्हें दुःख दिया।

भगत हरिवंशजी सदा मुसकराते रहते थे। उन्होंने बारह साल तक अपने ही गाँव में रहकर नम्रता की साधना की और अन्त में वे उसी नम्रता के सागर में जा डूबे। भगत हरिवंशजी ने केवल नम्रता के गुण के द्वारा अपने वानप्रस्थ जीवन के बारह साल जैसे व्यतीत किये, वैसे प्रत्येक तीसरे पन वाले जमींदार को व्यतीत करना चाहिये-यही उनकी इच्छा थी।

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