moral stories for class 5

Top And Best Moral Stories In Hindi For Class 5

रामभक्त मुसल्मान

Moral Stories In Hindi For Class 5 – महाराष्ट्र देश में, अहमदनगर जिले के श्री गोंदे तालुका में ‘रूई वाहरे’ नामक एक छोटा-सा ग्राम है। वहाँ के एक मुसल्मान परिवार में एक लड़के ने जन्म लिया था। उसका नाम ‘शेख मुहम्मद’ रखा गया था। यह बात ‘तुकाराम के जमाने’ की है।

शेखजी का खानदान ‘मौलवी खानदान’ था। बाल्यकाल में उनको अरबी की शिक्षा दी गयी थी और ‘कुरान शरीफ’ कण्ठस्थ करायी गयी थे। ठीक सोलह वर्ष की आयु में शेख मुहम्मद को ‘मुल्ला’ बना दिया गया। एक दिन उनके पिता ने उनको एक बकरे की कुर्बानी का हुक्म दिया। छुरा और बकरे को लेकर जब वे गाँव से बाहर एक बाग में गये तब शाम के पाँच बजे थे। एक नीम से बकरा बाँध दिया और शेखजी जमीन पर बैठकर छुरी को एक ईं टसे रगड़कर उसमें धार निकालने लगे।

Moral Stories In Hindi For Class 5 – इसके बाद उन्होंने बकरे की तरफ नजर फेरी, दोनों की आँखें चार हुईं। बकरे की आँखों में करुणारस देख लड़के का दिल काँप उठा; क्योंकि बकरा समझ गया था कि उसके साथ कैसा बर्ताव होने वाला है।

‘या अल्लाह! गरदन में जब छुरी लगेगी तब इस बकरे को कैसा लगेगा?’ यह कहकर, वेदना का अनुभव करने के लिये, लड़के ने अपने बायें हाथ की छोटी अँगुली काट डाली!

‘तोबा तोबा ! जब एक अँगुली से इतनी तकलीफ है, तब गरदन कटने से न मालूम कितनी तकलीफ होगी?’ लड़के ने वह छुरी एक अरहर खेत में फेंक दी और उस बकरे को आजाद कर दिया। के मकान पर गये तो पिता ने कहा- ‘बकरा कहाँ है?’ ‘कहीं हरी हरी पत्ती चुन रहा होगा।’ लड़के ने कहा । ‘और-छुरी?’ पिताने पूछा । Moral Stories In Hindi For Class 5 – ‘अरहर के खेत में पड़ी होगी।’ लड़के ने उत्तर दिया। इस पर परम अप्रसन्न होकर पिता ने अपना चमरौधा जूता उतारा और लड़के के सिरपर पाँच जूते फटकार कर फरमाया ‘मुल्लेको कुर्बानी करना फर्ज़ है !’

‘मैं मुल्ला नहीं बनना चाहता।’

‘मुसल्मान होकर कुर्बानी करना फर्ज है!’

‘मैं मुसल्मान नहीं रहना चाहता ! ‘

‘मेरे घर में रहेगा तो कुर्बानी करनी ही होगी!’

‘मैं आपके घर में भी नहीं रहना चाहता!’ ‘तो निकल अभी! काला मुँहकर !’ कहकर पिताने पाँच जूते आशीर्वाद में प्रदान कर उसे घर से निकाल दिया। एक सोलह साल का सुन्दर मुसल्मान लड़का रोता हुआ अपनी जन्मभूमि को नमस्कार करके वहाँ से चला गया।

शेख मुहम्मद – Moral Stories In Hindi For Class 5

शेख मुहम्मद ने अनेक हिंदू साधुओं तथा पण्डितों से कहा कि मुझे हिंदू बना लीजिये, जिसके लिये वे लोग तैयार नहीं हुए। हारकर उस लड़के ने हिंदुओं से कहा- ‘तो मुझे शिष्य बनाकर राम-मन्त्र दे दीजिये ।’

पण्डित – Moral Stories In Hindi For Class 5

एक पण्डित ने उत्तर दिया- ‘तुझे कोई शिष्य नहीं बनायेगा, परंतु राम का नाम हर एक ले सकता है। तू भी राम-नाम जपा कर।’ बस-बस आपने ‘राम-मन्त्र’ दे दिया। अब आपको ही गुरु मानूँगा ।

मैं आज ‘गुरुमुख’ बन गया।

Moral Stories In Hindi For Class 5 – जब शेख मुहम्मद की आयु तीस साल की हुई, तब वे एक दिन श्री गोंदे नामक गाँव की एक संकीर्तन सभा में सम्मिलित हुए। अन्त में उन्होंने अपने बनाये एक छन्द से संकीर्तन करना आरम्भ किया। मराठी भाषा अच्छी तरह से सीख ली थी। उन्होंने गाया ॐ नमोजी अव्यक्ता रामा । परात्पर मेघः श्यामा ॥

ब्रह्मादिकां न कले महिमा । अविनाश म्हणवूनिया ॥’ अर्थात् – ओंकारस्वरूप, मेघकी तरह श्याम, उस राम को मैं नमस्कार कर रहा हूँ, जो अव्यक्त होते हुए भी सर्वव्यापी है। ब्रह्मा आदि महान् देवता लोग भी जिसकी महिमा का बखान नहीं कर सकते और जिसे सब अविनाशी मानते आये हैं!

Top And Best Moral Stories In Hindi For Class 5
Top And Best Moral Stories In Hindi For Class 5

ढोल, मृदंग, झाँझ, चीमटा और खंजड़ी का सम्मिलित स्वर रात के समीर में गूँज रहा था । श्रोताओं के हृदय पटल पर राम की श्यामल छवि अंकित थी । सारा वातावरण ‘राममय’ हो रहा था। उसी समय सभा से उठकर संत शेख मुहम्मद दौड़कर कुएँ के पास गये और जल्दी-जल्दी डोल से पानी खींच-खींचकर इधर-उधर फेंकने लगे। Moral Stories In Hindi For Class 5 – कुछ देर बाद वे पुनः कीर्तन – मण्डल में लौट आये।

कारण पूछने पर उन्होंने कहा – ‘परम भक्त तुकाराम जी अपने गाँव ‘देहू’ में प्रेम-विभोर होकर कीर्तन कर रहे हैं। सहसा मण्डप में आग लग गयी। कीर्तन करनेवाले इतने तन्मय थे कि किसी ने आगको देखा तक नहीं। उस अपने हाथ से उसे बुझा दिया।’ मण्डप को जलता देख मैंने लोगों को विश्वास नहीं हुआ। एक व्यक्ति ने कहा- ‘तुकाराम के इष्टदेव श्री कृष्ण भगवान् भी क्या बेसुध हो रहे थे उस समय ?’

‘हाँ, भगवान् भी भक्तसे तदाकार होकर संकीर्तन में अपनी सुधि खो बैठते हैं!’ शेखजी ने कहा ।

Moral Stories In Hindi For Class 5 – दूसरा प्रश्न हुआ – ‘इतनी दूर बैठकर आपने कैसे जान लिया कि वहाँ आग लगी हुई है?’ ‘दिल्ली में बैठकर संजय ने कैसे देख लिया था कि सौ मील दूर कुरुक्षेत्र में द्रोणाचार्य मारे गये? शिवनेत्र यानी तीसरी आँख खुल जाने पर योगियों के लिये यह सब सुलभ हो जाता है!’ शेखजी ने उत्तर दिया। Moral Stories In Hindi For Class 5 – श्रोताओं का संदेह फिर भी दूर न हुआ। उसी समय एक दूत साँड़िया सवार मुखिया के नाम पत्र देकर देहू को भेजा गया। दूसरे दिन शाम को वह दूत मुखिया का लिखित उत्तर लाया

‘गत रात्रि में यहाँ संकीर्तन खूब जम गया था और आधी रात तक होता रहा था। सभी शब्दानन्द में निमग्न थे। न मालूम कब आग लगी और न मालूम कब एवं कैसे बुझी? लेकिन आज प्रातः हमलोगों ने देखा कि रात की आग ने तम्बू में डेढ़ हाथ चौड़ा सूराख कर दिया था।’

Moral Stories In Hindi For Class 5 – प्रसिद्ध संत तुकाराम जी, जयराम स्वामी तथा शेख मुहम्मद में अगाध स्नेह था। ‘चरित्र – भाग’ नामी मराठी ग्रन्थ में लिखा हुआ है-‘एक दिन जयराम स्वामी को शेखजी ने एक विचित्र चरित्र दिखलाया था। उन्होंने अपने बायें कंधे की खाल फाड़कर दिखलाया कि जनेऊ का प्राकृतिक निशान बना हुआ है। देखा गया कि उनके मस्तक पर ‘शिवलिंग’ का प्राकृतिक चिह्न बना हुआ है। स्वामीजी ने देखा कि शेखजी का आन्तरिक स्वरूप एक नैष्ठिक ब्राह्मण जैसा है।’

इस पर शेखजी ने बतलाया कि वे पिछले जन्म में ब्राह्मण ही थे। एक भूल के कारण मुसल्मान घर में जन्म लेना पड़ा। शेखजी ने जयराम स्वामी से कहा था- ‘आज से ढाई साल बाद आप समाधि लेंगे, तभी मैं आपके पास आऊँगा।’ और वैसा ही हुआ भी था।

Top And Best Moral Stories In Hindi For Class 5
Top And Best Moral Stories In Hindi For Class 5

पण्ढरपुर – विषयक एक अभंग शेखजी ने रचा था— उसका अर्थ है नि ‘पुण्य धाम पण्ढरपुर धन्य है, जहाँ पाण्डुरंग (श्रीकृष्ण) रहते हैं।

अतः चित्तको स्थिर करके शीघ्र पण्ढरपुर चलो। वहाँ चलकर रखूमाई (रुक्मिणी) के पति पण्ढरीनाथ (श्रीकृष्ण) के दर्शन करो।’ मुहम्मद बाबाके बनाये हुए तीन ग्रन्थ मिलते हैं

स्वयं महाकवि मोरोपंतने अपने प्रसिद्ध मराठी ग्रन्थ ‘सन्मणिमाला’ में लिखा है

Moral Stories In Hindi For Class 5 – ‘जिन्होंने कीर्ति के मोहसागर में भी अपनेको पर्वत-सा अविचल रखा और वह केवल इसलिये कि कीर्ति के मोह में पड़ जाने से भगवत्-भजन में बाधा होती है, ऐसे शेख मुहम्मद को मुसल्मान होने पर भी भगवज्जनों की पवित्र पंक्ति में हम सहर्ष बिठलाते हैं ।’ और महाराष्ट्र का भक्ति परायण जनवर्ग आज भी ज्ञानदेव और तुकाराम के साथ शेख मुहम्मद का नाम गाता है।

शेख मुहम्मद के पवित्र आचरण का प्रभाव उनके ग्राम के मुसल्मानों पर भी पड़ा था। उन्होंने प्रतिज्ञा की थी- ‘आज से न तो कुर्बानी करेंगे और न मांस भक्षण करेंगे।’

उनके वंशज आज भी उस प्रतिज्ञाका पालन कर रहे हैं! सच है |

Read More:- Top and Best Moral Stories for class 10

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *