चार मित्र | Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi | Dadimaa Ki Kahaniya | Best Moral Stories In Hindi 2022

चार मित्र | Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi | Dadimaa Ki Kahaniya | Best Moral Stories In Hindi 2022

हेलो दोस्तों मै हूँ केशव आदर्श और आपका हमारे वेबसाइट मोरल स्टोरीज इन हिंदी (Moral Stories in Hindi) में स्वागत है आज जो मै आपको कहानी सुनाने जा रहा हु | उसका नाम है Four Friends – चार मित्र | यह एक Moral Stories For Kids और Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi की कहानी है और इस कहानी में बहुत ही मजा आने वाला है और आपको बहुत बढ़िया सिख भी मिलेगी | मै आशा करता हु की आपको ये कहानी बहुत अच्छी तथा सिख देगी | इसलिए आप इस कहानी को पूरा पढ़िए और तभी आपको सिख मिलेगी | तो चलिए कहानी शुरू करते है आज की कहानी – Four Friends – चार मित्र।

चार मित्र | Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi | Dadimaa Ki Kahaniya | Best Moral Stories In Hindi 2022
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चार मित्र – Four Freinds | Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi | Best Moral Stories In Hindi | Dadimaa Ki Kahaniya

Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi – एक समय में चार दोस्तों का एक सामान्य समूह एक जंगल के अंदर रहता था। वे चारो पक्के मित्र थे | वो चार मित्र थे: एक था हिरण, एक कौआ, एक चूहा और एक कछुआ। वे हर रोज दोपहर में एक छायादार बरगद के पेड़ के नीचे मिलते और घंटों बातें किया करते थे ।

एक दिन, हिरण अपने समय पर नहीं आया। चूहा, कछुआ और कौवा चिंतित थे।

तब चूहा कौवे की ओर मुड़ा,और बोला “मुझे लगता है कि आप बेहतर तरीके से इधर से उधर उड़ते हैं तो क्या आप उपर उड़कर देख सकते है क्या कि हिरण कहाँ है ? ” तब कौवे ने सिर हिलाया और उड़ गया।

उसे हिरण को खोजने के लिए बहुत दूर नहीं जाना पड़ा। दुर्भाग्य से, हिरण एक शिकारी के जाल में फंस गया था! “मित्र हिरण! क्या हुआ?” कौवा बोला । तुम यहाँ फसे कैसे ?

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Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi – हिरण ने आह भरते हुए कहा , “मैं आमतौर पर तो बहुत सावधान रहता हूँ, जहाँ मैं अपना कदम रखता हूँ,वह भी सावधान ही रहता हूँ। लेकिन यह जाल घास में अच्छी तरह छुपा कर रखा गया था। मैं अब फंस गया हूँ। शिकारी के यहाँ आने में अभी कुछ ही समय बाकी है।”

“घबराओ मत मै अभी मदद लेकर आता हूँ ,” कौवे ने फड़फड़ाते हुए कहा। वह जल्दी से बरगद के पेड़ के पास गया | जहाँ चूहा और कछुआ इंतज़ार कर रहे थे। उसने उन्हें वह सब कुछ बताया जो हुआ था।

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“मित्र कछुआ, तुम यहीं रुको,” चूहा ने कहा, “मैं कौवे के साथ जाऊंगा और जाल काट दूंगा हमारा दोस्त कौवा मझे अपने पीठ पर बैठा लेगा | “

कौवे ने अपनी पीठ पर बैठा लिया और तेजी से उड़कर उस स्थान की ओर भागा जहां हिरण फंस गया था।

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Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi – हिरण अपने दोस्तों को देखकर बहुत खुश हुआ। चूहा जाल को काटने लगता है। यह एक कठिन काम था, लेकिन जल्द ही उसने जाट काट दिया और हिरण मुक्त हो गया।

“धन्यवाद दोस्त, चूहा !” तुम न होते तो शिकारी तो आज मुझे अपने साथ लेकर ही चला जाता | चूहा ने कहा कोई बात नहीं दोस्त हम चार दोस्त कभी भी मुसीबत पड़ने पर एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे |

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तभी कौवे और हिरन ने कहा जरूर-जरूर क्यों नहीं ? हम कभी भी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे |

“आह! लगता है हमारा दोस्त आज़ाद है!” झाड़ियों से आवाज आई। यह तो कछुआ था, जो धीरे-धीरे उस जगह पर चला आ रहा था।

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Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi – उसी समय वहाँ शिकारी आ गया। हिरण अपने तेज पैरो से तेजी से भागा। कौआ उड़ गया। चूहा ने छिपने के लिए जल्दी से एक गड्ढा खोद लिया। लेकिन कछुआ बहुत धीमा था। इसलिए वह पकड़ा गया |

जाल को कटा हुआ देखकर शिकारी हैरान रह गया। लेकिन तभी उसकी नजर धीमी गति से चलने वाले कछुए पर पड़ी। “मैंने हिरण खो दिया, लेकिन यह कछुआ मिल गया है, इसको मैं एक अच्छा सूप बना लूंगा,” उसने मन ही मन सोचा, जैसे – तैसे उसने कछुए को रस्सी से बांध दिया।

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“तीनो मित्र ! हमने अपना दोस्त खो दिया है!” कौवा रोया।

“नहीं, अभी भी उम्मीद है,” चूहा ने मुस्कुराते हुए कहा और अपने दोनो दोस्तों को एक योजना सुनाई । क्या यह काम करेगा? कौवे ने कहा और कोई तो चारा भी नहीं है | ठीक है! हम यही करेंगे | कौवे ने कहा |

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Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi – कछुआ को अपनी पीठ पर बांधकर, शिकारी वापस अपने गाँव की ओर चल पड़ा। उसके गाँव के रास्ते में एक झील था | उसे उस पार जाने के लिए झील पार करनी पड़ती थी उसने जैसे ही वह झील पर कर ली।

तभी उसने एक हिरण का शव देखा जिस पर घास पर पड़ा था। और एक कौवा हिरण के सींगों पर बैठा उसकी आँखों को चोंच मार रहा था।

शिकारी को अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हो रहा था । “मैंने एक हिरण खो दिया, चलो कोई बात नहीं, मुझे दूसरा मिल गया है! और मुझे इसे मारना भी नहीं है,” वह तो पहले से ही मरा हुआ है | उसने अपने आप से कहा।

कछुआ मुस्कुराया। क्योकि उसके दोस्त उसे बचाने आए थे।

शिकारी ने कछुआ को जमीन पर ही छोड़ दिया और हिरण की ओर भागा। चूहा झाड़ी से बाहर निकल कर जल्दी से बाहर आया और जल्दी से रस्सी काट दी। कछुआ आज़ाद हो गया ! “मित्र कछुआ, जल्दी जाओ और उस झील में जाकर छिप जाओ ।

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Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi – कछुए के लिए, वह अपने धीरे वाले धीमी पैरो से बहुत तेजी से सीधे झील की ओर बढ़ा।

इसी बीच शिकारी लगभग हिरण के पास पहुंच ही गया था। जब कौआ ने देखा कि कछुआ अब झील में सुरक्षित है। तैसे सी कौवा “काव! काव!” का आवाज किया और उड़ गया।

वह एक संकेत था योजना की ! तभी हिरण अपने पैरों पर उछला और भाग गया। शिकारी के पास उसे पकड़ने का कोई मौका नहीं था। और जब वह पीछे मुड़ा तो पाया कि कछुआ भी गायब है!

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Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi – चारों दोस्त जल्दी से बरगद के पेड़ पर वापस आ गए। “मेरे जीवन को बचाने के लिए धन्यवाद दोस्तों!” कछुए ने कहा।

” धन्यवाद की जरूरत नहीं है,” हिरण ने मुस्कुराते हुए कहा, “जब तक हम प्रत्येक की मदद करते हैं”

तब सभी एक साथ बोलते हैं, हम हमेशा सुरक्षित रहेंगे!” |

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