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Top 5 Best Moral Stories In Hindi For Class 10 | Hindi Moral Stories For Class 10

स्वामी रामतीर्थ – Hindi Moral Stories For Class 10

Hindi Moral Stories For Class 10 – स्वामी रामतीर्थ विदेश दौरे से लौटे तो लोगों ने उनसे पूछा कि अन्य देशों की भाँति भारतवर्ष का विकास क्यों नहीं हो सका ? तो प्रत्युत्तर में स्वामी जी बोले- “भारतवर्ष की उन्नति इसलिए नहीं हो पाई, क्योंकि हमने परिश्रम करने का मूल्य खो दिया,

जीवन में विकास संघर्ष व श्रम द्वारा हो पाता है, यदि हम हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएँ, तो उससे कुछ भी हासिल नहीं हो सकता।”

समय – Hindi Moral Stories For Class 10

Hindi Moral Stories For Class 10 – एक व्यक्ति ने एक संत को यह कहते सुना कि समय बेशकीमती है और उसको अनचाही कीमत भी प्राप्त की जा सकती है तो वह व्यक्ति आतुरता के साथ लोगों के पास जाकर कहने लगा “मेरा समय बहुमूल्य है। सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से आप ले सकते हैं।

” लोगों ने पूछा – “जो समय हम खरीदेंगे, उससे तुम करोगे क्या ?” व्यक्ति बोला “मैं तो समय बेच रहा हूँ, उसका आप चाहे जो उपयोग कर लेना, मैं कोई मेहनत क्यों करूंगा ?” लोगों में किसी ने उसे दुत्कार दिया, किसी ने पागल कहकर भगा दिया।

दह व्यक्ति उन्हीं संत के पास पहुँचा और समय के बदले एक भी पैसा न मिलने की शिकायत की। इस नादानी पर संत हँसे और बोले—”बेटे ! समय की कीमत जरूर मिलती है, पर वह तो कोरा चेक है। उस पर श्रम की कलम और विचार की स्याही से मूल्य भरा जाता है। श्रम और विचार मिलकर जितना मूल्य भर देते हैं, उतना अवश्य मिल जाता है।”

महत्त्वपूर्ण काम – Hindi Moral Stories For Class 10

Hindi Moral Stories For Class 10 – एक जिज्ञासु ने पूछा – “सबसे महत्त्वपूर्ण काम कौन-सा है? सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति कौन है और सबसे अच्छा समय कब होता है ? ज्ञानी ने समाधान करते हुए जवाब दिया – “जो काम हाथ में है, वही सबसे महत्त्वपूर्ण है। इसी प्रकार जो साथ काम करता है, वही सबसे उपयुक्त है और वर्तमान समय ही सबसे अच्छा समय है और इसे गंवाओ मत।”

संत भीखण – Hindi Moral Stories For Class 10

Hindi Moral Stories For Class 10 – संत भीखण प्रवचन दे रहे थे। सामने बैठे श्रोताओं में आसोजी नामक श्रोता ऊँच रहे थे। संत श्रीखण उसे चेताते हुए बोले” आसोजी सोते हो या जागते हो?” प्रश्न सुनते ही आसोजी की “आसोजी! आंखें खुलीं और वे बोले-“महाराज! जगा हूँ।” ऐसा कहकर आसोजी फिर सो गए। थोड़ा समय निकल जाने पर संत भीखण ने पुनः आसोजी से वही प्रश्न किया।

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आसोजी फिर सकपकाकर उठे और बोले – “महाराज! जगा हूँ।” यह बोलकर आसोजी पुनः सो गए। थोड़ा समय बीत जाने पर संत भीखण उनसे बोले -“आसोजी! जिंदा हो या मर गए?” आसोजी उठे और बोले-“महाराज! जगा हूँ।

” मनुष्य भी ऐसे ही अचेतन में जीवन गुजार देता है और अपनी प्रवृत्तियों के अनुरूप कर्म करता रहता है। इसीलिए पतंजलि ऐसे सोते हुओं को जगाते हुए बोलते हैं कि जब तक चित्त की वृत्तियाँ शांत नहीं होतीं, मनुष्य जागते हुए भी सोता रहता है और जो सोकर भी जाग जाता है, वही सच्चा योगी है।

उद्यम जीवन है । (Labour is Life) – Hindi Moral Stories For Class 10

Hindi Moral Stories For Class 10 – बच्चो । उद्यम का जीवन में बहुत महत्त्व है । यह उन्नत और सफल जीवन को कुंजी है । उद्यम करने व्यक्ति लाभ, हानि, जीवन, मरण, सफलता, अफलता, निंदा, स्तुति आदि की जरा भी चिंता नहीं करता है ।

वह तो उद्यम करना अपना कर्त्तव्य समझता है। फल के लिए वह परमात्मा पर विश्वास करता है क्योंकि वह जानता है कि जीवन में सुख-दुःख का साहस के साथ सामना करने वाले का ईश्वर साथ देता है।

एक बार की बात है। बरसात के दिन थे। एक लड़का अपनी बहन के साथ पुल पर खेल रहा था। अचानक उसकी नजर नाले में बहते हुए पानी पर पड़ी। उसने देखा कि किनारे पर एक साँप चिपका हुआ है। पानी की तेज धार उस साँप को बहाकर ले जाना चाहती है। लड़के ने दौड़कर साँप को उठा लिया ।

लड़के की बड़ी बहन यह देखकर डर के मारे काँप उठी। उसने चिल्लाकर कहा- जगदीश

! उसे फेंक दो, नहीं तो वह काट लेगा।” जगदीश बहन को भयभीत देखकर हँसने लगा। उसने साँप को सूखी जगह पर फेंक दिया।

बच्यो ! जानते हो यह लड़का कौन था ? यह थे जगदीशचंद्र बसु, जिन्होंने पेड़-पौधों में जीवन की खोज की। दुनिया को बताया कि रेडियो तरंगों से क्या नहीं किया जा सकता । उन्होंने रेडियो की खोज की परन्तु उस समय हमारे देश पर अंग्रेज शासन करते थे।

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Jagdish Chandra Bashu

Hindi Moral Stories For Class 10 – वे भारतवासियों को अपना गुलाम समझते थे। इसलिए उन्होंने जगदीशचंद्र बसु की खोज की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया । परन्तु जगदीशचंद्र बसु बड़े उद्यमी थे। उन्होंने तरह-तरह की खोजें करके दुनिया को बताया। कि पेड़-पौधों और वनस्पति में भी मनुष्य की तरह जीवन होता है। है

उन्होंने देखा कि किसी पौधे की पत्तियाँ हाथ लगते ही शरमाकर सिकुड़ जाती हैं और कुछ समय बाद वे पुनः खिल उठती हैं। कुछ फूलों की पंखुड़ियाँ सवेरा होते ही खिल उठती हैं और सूर्य डूबने पर वे बंद हो जाती हैं। सचमुच वे हमारी तरह सोना चाहती हैं।

जगदीशचंद्र बसु जब कभी कोई नई चीज देखते, तब उनके मन में उसके बारे में जिज्ञासा पैदा होती। उनके भीतर इसे पूर्ण रूप से समझने की लालसा जाग उठती। आखिर पेड़-पौधों के

फूलों की पंखुड़ियाँ सूर्य के डूबने पर क्यों बंद हो जाती हैं ? प्रकृति से जुड़े कई प्रश्न उनके मन को मथते रहते थे। उन्होंने हार नहीं मानी। वैज्ञानिकों ने उनकी हँसी उड़ाई लेकिन वे चुपचाप अपने काम में लगे रहते।

Hindi Moral Stories For Class 10 – सच में वे बड़े उद्यमी व्यक्ति थे । अपने कठिन उद्यम से उन्होंने एक उपकरण बनाया जिसका नाम उन्होंने ‘रेजोनंट रिकार्डर’ रखा। इस उपकरण की सहायता से उन्होंने पौधों के हृदय की धड़कन सुनी।

सुख-दुःख में पौधों के रोने की आवाज सुनी। अंत में उन्हें सफलता मिली। उन्होंने बताया कि पौधों को मनमाने ढंग से काटना नहीं चाहिए। क्योंकि उनमें भी जीवन होता है। वे भी थकते हैं, सो जाते हैं और विष के प्रभाव से मुरझा जाते हैं।

उन्होंने अपनी इन खोजों से सारी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया। हमारे देश को उन पर

गर्व है। बच्ची तन-मन से किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए प्रयत्न करना ही उद्यम है। उद्यमी व्यक्ति कठिनाइयों को ठोकर मारकर आगे बढ़ जाता है। उसे कार्य करते समय अपने गुण ही दिखाई देते हैं । फलतः उसकी भीतरी शक्ति उसे आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती रहती है। किसी कवि ने कहा है

उद्यम, उद्यम, उद्यम, बस उद्यम ही सबसे बढ़कर है। कर्म बेचारा क्या कर लेगा, वह तो उद्यम का अनुचर है।”

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